Bombay High Court; Wife Vs Husband Impotency Allegations Case | ‘तलाक के केस में पति को नपुंसक बोलना मानहानि नहीं’: बॉम्बे हाईकोर्ट ने पति की अर्जी खारिज की; कहा- पत्नी को आरोप लगाने का अधिकार
मुंबई6 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक व्यक्ति की अपनी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ दायर मानहानि की शिकायत को खारिज कर दिया है। अदालत ने कहा कि तलाक की कार्यवाही के दौरान पत्नी का पति को नपुंसक कहना मानहानि नहीं माना जा सकता। यदि उसने यह आरोप अपने हितों की रक्षा के लिए लगाए हों।
जस्टिस एसएम मोडक की बेंच ने कहा कि हिंदू विवाह अधिनियम के तहत तलाक याचिका में नपुंसकता का आरोप उचित है। कोर्ट ने कहा कि जब पति-पत्नी के तलाक का मामला कोर्ट तक पहुंचता है, तो पत्नी को अपने पक्ष में ऐसे आरोप लगाने का अधिकार है।
पति ने अपनी याचिका में कहा था-
उसकी पत्नी ने तलाक, भरण-पोषण और पुलिस शिकायत में उसे नपुंसक बताया था। ये सभी दस्तावेज सार्वजनिक रिकॉर्ड का हिस्सा हैं और इसलिए मानहानिकारक हैं।
हालांकि, महिला, उसके पिता और भाई ने हाईकोर्ट में अपील कर निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें मजिस्ट्रेट को पति की मानहानि शिकायत पर जांच करने को कहा गया था।
कोर्ट ने 17 जुलाई को सुनाया गया फैसला शुक्रवार को सार्वजनिक किया। इसमें कहा गया कि पत्नी द्वारा लगाया गया नपुंसकता का आरोप क्रूरता के सबूत देने और तलाक का आधार साबित करने के लिए जरूरी था।
बॉम्बे हाईकोर्ट बोला- शारीरिक संबंध से इनकार, फिर पति पर शक करना क्रूरता
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने 18 जुलाई को तलाक के एक केस में कहा था- यदि पत्नी अपने पति को शारीरिक संबंध से इनकार करती है। फिर उस पर किसी और महिला से संबंध होने का शक करती है तो इसे क्रूरता माना जाएगा। इस तरह की स्थिति तलाक का वैध आधार है।
जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले ने यह टिप्पणी करते हुए पुणे फैमिली कोर्ट के तलाक के फैसले को सही ठहराया था। साथ ही महिला की तलाक को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। महिला की मांग थी कि उसके पति को उसे हर महीने 1 लाख रुपए मासिक गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया जाए। पूरी खबर पढ़ें…
————————————————-
तलाक से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें…
प्रेमी के लिए पति से तलाक, प्रेमी शादी से मुकरा: रेप का केस लगाया लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने महिला को ही फटकारा
प्रेमी के लिए महिला ने पति को छोड़ा फिर प्रेमी ने भी शादी से इनकार किया। एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि खुद शादीशुदा होने के बावजूद दूसरे व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध रखने पर कार्रवाई हो सकती है। पूरी खबर पढ़ें…