Khalistan Supporter MP Amritpal Singh ; Punjab Police Found Tinder Account | Faridkot | फरीदकोट के गुरप्रीत मर्डर केस में अमृतपाल पर शक गहराया: टिंडर से मिली अश्लील चैट; ‘अमृत संधू’ नाम से था अकाउंट, DGP को भेजा मानहानि नोटिस – Faridkot News
टिंडर एप्प की चैट, जिसे अमृतपाल सिंह की होने का दावा किया जा रहा है।
पंजाब पुलिस फरीदकोट में समाजसेवी गुरप्रीत सिंह हरिनौ की हत्या की जांच कर रही है। इस दौरान पुलिस को कुछ सुराग मिले हैं जो खडूर साहिब से सांसद और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह से जुड़े हो सकते हैं।
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सूत्रों के मुताबिक, अमृतपाल सिंह ‘अमृत संधू’ नाम से टिंडर पर एक्टिव था और वहां वह लड़कियों से अश्लील बातें करता था। पुलिस को उसकी कुछ पुरानी चैट्स भी मिली हैं, जिनमें उसकी पुरानी तस्वीर भी लगी है। हालांकि, पुलिस ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
उधर, अमृतपाल की पार्टी ‘वारिस पंजाब दे’ ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है और कहा है कि सरकार तरनतारन उपचुनाव से पहले अमृतपाल की छवि खराब करने की साजिश कर रही है।
9 अक्टूबर 2024 को गुरप्रीत सिंह की हुई थी हत्या।
दो महीने पहले टिंडर से मांगी गई थी जानकारी
पंजاब पुलिस ने फरीदकोट में मारे गए समाजसेवी गुरप्रीत सिंह हरिनौ हत्या मामले में डेटिंग एप टिंडर से दो महीने पहले एक अकाउंट की जानकारी मांगी थी। पुलिस को शक था कि ये अकाउंट खडूर साहिब से सांसद व खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह से जुड़ा हुआ है। अब टिंडर की तरफ से इस अकाउंट संबंधी जानकारियां पंजाब पुलिस से सांझा की गई हैं।
पुलिस द्वारा मांगी गई जानकारी
पंजाब पुलिस ने टिंडर से इस खाते की व्यापक जानकारी मांगी है। इसमें 1 जनवरी 2019 से अब तक की सब्सक्राइबर डिटेल्स, नाम, जन्म तिथि, फोन नंबर, स्थान की जानकारी और आईपी एड्रेस लॉग शामिल है।
पुलिस ने सभी लिंक्ड ईमेल आईडी और फोन नंबर, खाते द्वारा अपलोड की गई तस्वीरें और मीडिया फाइलें, दोस्तों/संपर्कों की सूची और म्यूचुअल मैच, चैट हिस्ट्री और टिंडर प्लेटफॉर्म के जरिए आदान-प्रदान किए गए संदेश और कोई अन्य विवरण की भी मांग की है।
अमृतपाल की पार्टी भेज चुकी DGP को नोटिस
वहीं, दूसरी तरफ अमृतपाल सिंह की पार्टी अकाली दल वारिस पंजाब दे के लीगल एडवाइजर ईमान सिंह खैरा ने इस चैट को झूठा बताया है। उन्होंने कहा कि ये जानकारी कंट्राडिक्ट्री है। डीजीपी और फरीदकोट पुलिस ने जब इसकी जानकारी सांझा की थी तो पार्टी की तरफ से डीजीपी पंजाब को मानहानि का नोटिस भेजा गया था।
12 जून को भेजे गए इस नोटिस का आज तक डीजीपी की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया। अगर ये चैट फेक नहीं है तो पार्टी को इसके सबूत क्यों नहीं दिए गए। मानहानि के नोटिस में इसी की मांग की गई है। दरअसल,तरनतारन चुनावों को लेकर ये सरकार चालें चल रही है। अमृतपाल का नाम खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। ये चैट फेक बनाई गई हैं। ये अगर वेरिफाई हो गया है तो डीजीपी इसका जवाब दे दें।
हत्या जांच में टिंडर तक पहुंची थी पुलिस
26 मई को टिंडर को भेजे गए पत्र में पुलिस ने बताया कि 9 अक्टूबर 2024 को गुरप्रीत सिंह नाम के एक प्रसिद्ध ऑनलाइन कार्यकर्ता को मोटरसाइकिल पर सवार दो हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच के दौरान पुलिस को ‘अमृत संधू’ नाम से एक टिंडर खाता मिला है, जिसके अमृतपाल सिंह से जुड़े होने का संदेह था।
मृतक ‘हरिनौ टॉक्स’ नाम के फेसबुक पेज का संचालन करता था और सिख कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह के खिलाफ मुखर था। पुलिस ने अपने पत्र में स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान मिले इस टिंडर खाते का संचार और डेटा विश्लेषण जांच एजेंसी को मामले को सुलझाने में मदद कर सकता है।
बीते साल अमृतपाल का नाम जुड़ा था मामले में
पंजाब डीजीपी गौरव यादव ने पिछले साल अक्टूबर में दावा किया था कि हरिनौ की हत्या कथित तौर पर अमृतपाल सिंह के कहने पर की गई थी। अमृतपाल सिंह वर्तमान में कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत जेल में बंद है। पुलिस ने यह भी दावा किया है कि गैंगस्टर से आतंकवादी बने अर्शदीप सिंह उर्फ अर्श दल्ला इस हत्या का मुख्य साजिशकर्ता था। इस मामले में गिरोह के दो शूटरों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
डिब्रूगढ़ जेल में बंद है अमृतपाल
अमृतपाल सिंह पंजाब के खडूर साहिब संसदीय क्षेत्र से सांसद हैं और वर्तमान में असम के डिब्रूगढ़ जेल में नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत बंद हैं। अमृतपाल, जो ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन का मुखिया है और अब उसने अकाली दल वारिस पंजाब दे के नाम से अपनी पार्टी भी घोषित की है।
अमृतपाल को उसके 9 साथियों के साथ जेल में बंद किया गया था, लेकिन दो महीने पहले ही उसके साथियों का एनएसए तो खत्म कर दिया गया, लेकिन उसका एनएसए तीसरी बार बढ़ा दिया गया।