मुंबई31 मिनट पहले
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महाराष्ट्र सरकार ने ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड को ट्रेड सर्टिफिकेट मामले में नोटिस भेजा है। कंपनी से महाराष्ट्र में कई शोरूम और सर्विस सेंटर बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के चलाए जाने पर 3 दिन में जवाब मांगा गया है। नोटिस में कहा गया कि महाराष्ट्र में कई स्टोर बिना अनुमति चल रहे हैं। इसमें गैरकानूनी तरीके से वाहन बेचे जा रहे हैं।
सरकार ने कहा कि यह गंभीर मामला है। 3 दिन में बताएं कि आपके खिलाफ कार्रवाई क्यों न हो? महाराष्ट्र परिवहन आयुक्त कार्यालय ने 31 मार्च 2025 को नोटिस जारी किया था। दरअसल 17 से 19 मार्च के बीच महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे में 26 स्टोर पर रेड हुई थी। इसमें 36 व्हीकल्स को जब्त कर नोटिस दिए गए थे।
ओला के स्टोर पर 4 बार हुई रेड
- 8 मार्च- देशभर में ओला के कई स्टोर्स पर छापेमारी की गई। ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते कई स्टोर्स सील किए, इलेक्ट्रिक गाड़ियां जब्त की गईं।
- 12 मार्च- मध्यप्रदेश के जबलपुर में 2 स्टोर पर RTO ने रेड मारी। इस दौरान ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने 14 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स जब्त किए।
- 18 मार्च- इंदौर में 4 स्टोर पर छापा मारा। ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने के चलते कारण बताओ नोटिस दिया गया।
- 17 से 19 मार्च- महाराष्ट्र के मुंबई और पुणे में 26 स्टोर पर रेड हुई। इसमें 36 व्हीकल्स को जब्त कर नोटिस दिए गए।
दूसरी कंपनियों की शिकायत के बाद कार्रवाई
गुरुग्राम की प्रताप सिंह एंड एसोसिएट्स कंपनी ने ओला इलेक्ट्रिक और कुछ अन्य कंपनियों के खिलाफ ट्रेड सर्टिफिकेट नहीं होने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के बाद महाराष्ट्र के ट्रांसपोर्ट अधिकारियों ने कार्रवाई की ।
95% स्टोर पर नहीं है बेसिक सर्टिफिकेशन
ओला इलेक्ट्रिक ने 2022 से अब तक 4,000 स्टोर खोले हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से लगभग 3,400 शोरूम का ही डेटा उपलब्ध है। 3,400 में से 100 शोरूम ही ऐसे थे, जिनके पास मोटर व्हीकल्स एक्ट के तहत जरूरी ट्रेड सर्टिफिकेट थे।
कंपनी के 95% से अधिक स्टोर में अनरजिस्टर्ड टू व्हीलर्स डिस्प्ले करने, बेचने और उनकी टेस्ट राइड ऑफर करने के लिए जरूरी बेसिक सर्टिफिकेशन नहीं हैं।
ओला इलेक्ट्रिक ने कहा- कार्रवाई गलत और पक्षपातपूर्ण
मंगलवार की कार्रवाई पर ओला इलेक्ट्रिक के प्रवक्ता ने बताया कि कोई वाहन जब्त नहीं किया गया है। इससे पहले ओला ने जांच को गलत और पक्षपातपूर्ण बताया था। प्रवक्ता ने कहा था कई राज्यों में ओला के डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स और गोदामों में अनरजिस्टर्ड व्हीकल्स की इन्वेंट्री है।
ये मोटर व्हीकल एक्ट के दिशानिर्देशों का पूरी तरह से पालन करती है और जरूरी मंजूरियां मौजूद हैं। कंपनी ने स्टोर्स पर रेड को लेकर कोई जानकारी नहीं दी थी।
दिवालिया कार्यवाही की याचिका पर 8% गिरा था शेयर
ओला इलेक्ट्रिक के शेयरों में 17 मार्च को करीब 8% की गिरावट रही थी। कंपनी की एक सब्सिडियरी के खिलाफ दिवालियापन की याचिका डाले जाने के बाद कंपनी के शेयर में ये गिरावट आई थी।
3 पॉइंट में समझें पूरा मामला
इस मामले से तीन कंपनियां ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी उसकी सब्सिडियरी ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और रोस्मर्टा डिजिटल सर्विसेज लिमिटेड जुड़ी हैं।
- हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनी रोस्मर्टा डिजिटल ने ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड पर 18 से 20 करोड़ रुपए का बकाया पेमेंट रोकने का आरोप लगाया है।
- इसके लिए रोस्मर्टा डिजिटल ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की बेंगलुरु बेंच में ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजी के खिलाफ दिवालियापन की कार्यवाही शुरू करने के लिए याचिका दायर की है।
- मामले में ओला इलेक्ट्रिक का कहना है कि वह इन आरोपों को खारिज करती है। वह इस मामले में कानूनी सलाह ले रही है और आरोपों को सख्ती से चुनौती देगी।

आल टाइम हाई से 65% गिरा शेयर
अगस्त 2024 में शेयरों की लिस्टिंग के बाद ओला का शेयर अपने पीक 157.53 रुपए से करीब 65% लुढ़क चुका है। पिछले एक महीने में कंपनी के शेयर्स में करीब 20% की गिरावट आई है। इसके अलावा दिसंबर 2024 तक कंपनी की बाजार हिस्सेदारी 49% से घटकर 23% रह गई।
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