Saudi Arabia Property Law; Foreigners Real Estate Investment Rules 2025 | सऊदी अरब में विदेशी नागरिक भी प्रॉपर्टी खरीद सकेंगे: मक्का-मदीना में मनाही रहेगी; ऑयल पर निर्भरता कम करना मकसद
रियाद2 दिन पहले
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सऊदी अरब की सरकार ने विदेशी नागरिकों और कंपनियों के लिए अपने रियल एस्टेट मार्केट को खोलने का फैसला किया है। नया कानून जनवरी 2026 से लागू होगा।
इसके तहत विदेशी इन्वेस्टर्स रियाद, जेद्दा और अन्य इलाकों में प्रॉपर्टी खरीद सकेंगे। यह कदम सऊदी अरब के विजन 2030 का हिस्सा है, जिसका मकसद ऑयल पर निर्भरता कम करना और अर्थव्यवस्था में विविधता लाना है।
सऊदी कैबिनेट ने हाल ही में इस नए कानून को मंजूरी दी है, जिसे हाउसिंग मिनिस्टर माजिद बिन अब्दुल्लाह ने रियल एस्टेट सुधारों का अगला कदम बताया। उन्होंने कहा- यह कानून रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट बढ़ाएगा और सऊदी शहरों को ग्लोबल इन्वेस्टर सेंटर बनाएगा।
विदेशी निवेशक 49% तक शेयर खरीद सकते हैं
हालांकि, मक्का और मदीना जैसे पवित्र शहरों में प्रॉपर्टी खरीद पर प्रतिबंध रहेगा, क्योंकि इनका धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है। इन शहरों में सिर्फ मुस्लिम ही खास शर्तों के साथ संपत्ति खरीद सकते हैं।
विदेशी निवेशक सऊदी स्टॉक एक्सचेंज (तदावुल) पर लिस्टेड रियल एस्टेट कंपनियों में 49% तक शेयर खरीद सकते हैं, जो मक्का और मदीना में प्रोजेक्ट्स डेवलप करती है।
रियल एस्टेट जनरल अथॉरिटी 180 दिनों के भीतर उन इलाकों और नियमों की लिस्ट जारी करेगी, जहां विदेशी प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।
यह सुधार हज और उमराह जैसे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और 2030 तक 30 बिलियन डॉलर की इनकम के टारगेट को सपोर्ट करेंगे।
सऊदी प्रिंस का प्रोजेक्ट है विजन 2030
सऊदी अरब का ‘विजन 2030’ सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) की एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे 2016 में शुरू किया गया था। इसका मकसद सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था में विविधता लाना और देश को आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक तौर पर मजबूत बनाना है।
MBS ‘द लाइन’ नाम का शहर बसाना चाहते हैं
विजन 2030 के तहत ही MBS वीरान रेगिस्तान में NEOM नाम का एक नया शहर बसाना चाहते हैं। प्रोजेक्ट के तहत ‘द लाइन’ नाम का एक शहर बसाया जाएगा। यह एक कार-फ्री शहर होगा, जो सिर्फ 200 मीटर चौड़ा और 170 किमी लंबा होगा। BBC के मुताबिक, साल 2030 तक इस प्रोजेक्ट का सिर्फ 2.4 किमी हिस्सा ही पूरा हो पाएगा।
NEOM सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस पर सऊदी 40 लाख करोड़ रुपए खर्च कर रहा है।